राज्य सरकार के वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक 1 (6) FD / RULES / 2011 दिनांक 22-05-2018 द्वारा राजस्थान सेवा नियमों के नियम 103 C द्वारा महिला कार्मिकों के लिए चाइल्ड केयर लीव का नया प्रावधान जोड़ा गया है ।
यहाँ दी गयी जानकारी का संकलन व प्रकाशन बहुत सावधानी पूर्वक किया गया है। व यह जानकारी सिर्फ आपकी सुविधा के लिये है । फिर भी विभागीय नियमो व आदेशो से हरदम अपडेट रहे ।
अधिसूचना में नियम 103 C के अनुसार
(I) बिंदु संख्या 2 (IV) के अनुसार उक्त अवकाश अधिकार के रूप में नहीं मांगा जा सकता ।
(II) बिंदु संख्या 2 (VIII) अवकाश स्वीकृत करता अधिकारी राज्य सरकार के दैनंदिनी कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने या राज्य सरकार के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यक समझे तो चाइल्ड केयर अवकाश स्वीकृत करने से मना कर सकता है ।
उपयुक्त प्रावधानों के अनुसार अवकाश स्वीकृत किए जाने अथवा स्वीकृति हेतु उच्च अधिकारियों को अग्रेषित करने से पूर्व कार्यालय अध्यक्ष इस हेतु आश्वस्त हो जाएं कि उक्त आदेश स्वीकृति नियमानुसार स्वीकृति योग्य आवश्यक है तथा इससे राजकीय कार्य सुचारु रुप से संचालित करने में व राज्य सरकार के लक्ष्यों की प्राप्ति करने में व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा ।
विभाग के अधीन विद्यालयों / कार्यालयों में महिला कार्मिकों की संख्या अधिक होने की स्थिति में अधिक आवेदन प्राप्त होने पर कार्यालय संचालन सुचारु रखते हुए आवेदनों पर निम्न प्राथमिकता क्रम रखा जाए
· आकस्मिक गंभीर कारण जैसे बच्चे की गंभीर बीमारी जिसमें बच्चा अस्पताल में इनडोर भर्ती हो अथवा दुर्घटना के कारण विशेष देखभाल की आवश्यकता हो ।
· दिव्यांग संतान की माताओं को गंभीर रोग से पीड़ित बच्चों की देखभाल हेतु ।
· संतान के परीक्षा में बैठने के कारण आवेदन प्राप्त हो तो बोर्ड परीक्षा अथवा उच्च अध्ययन व्यावसायिक संस्थान में प्रवेश हेतु परीक्षा के कारण प्राप्त आवेदन ।
· उपरोक्त प्राथमिकता क्रम में आवेदन स्वीकृति के समय विधवा और परित्यक्ता श्रेणी की महिला कार्मिकों को प्राथमिकता दी जाए ।
· कार्यालय या विद्यालय में कार्यरत कुल कार्मिकों की संख्या के 20% से अधिक कार्मिकों की एक समय में चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं की जाए । “चाइल्ड केयर लीव” स्वीकृत करने में अथवा स्वीकृति हेतु उच्च अधिकारियों को प्रकरण प्रेषित करने से पूर्व निम्न बातों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है ।
(1) प्राप्त आवेदनों का तिथि वार संधारण करें तथा प्राप्ति के दिन ही रजिस्टर में उसकी प्रविष्टि करें ऐसे रजिस्टर को संस्था के सभी के अवलोकन की व्यवस्था की जाए
(2) संतान की परीक्षा तैयारी हेतु प्राप्त आवेदन पत्र के साथ परीक्षा की तिथि प्रवेश संबंधी दस्तावेज पुष्टि हेतु प्राप्त करें ।
(3) अवकाश हेतु आवेदन अवधि में से आवश्यक अवधि की सीमा तक ही अवकाश स्वीकृत किया जाए
(4) कार्मिक की चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत करने के बाद आगामी अवकाश स्वीकृति अन्य महिला कार्मिकों के पूर्व में प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार के उपरांत ही प्राथमिकता अनुसार किया जाए।
(5) अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व संबंधित महिला कार्मिक द्वारा आवश्यक निर्धारित दायित्व पूर्ण कर लिए हो जैसे उत्तर पुस्तिकाओं की जांच आवेदित आवंटित पाठ्यक्रम को पूर्ण करना आदि की पुष्टि अवश्य में कर ली जाए
(6) सेवा से निरंतर अनुपस्थित कार्मिकों के नियमानुसार कार्य ग्रहण पश्चात अनुपस्थिति अवधि के उपरांत ही चाइल्ड केयर लीव आवेदन पर विचार किया जाए।
(7) अवकाश आवेदन स्वीकृति उपरांत कार्यालय की आवश्यक व कार्य में राज्य के लक्ष्यों की पूर्ति में बाधा उत्पन्न होने की स्थिति में स्वीकृत आवेदन को स्वीकृति करता प्राधिकारी निरस्त अथवा अवधि को घटा सकेगा
(8) उच्च अधिकारियों को स्वीकृति हेतु भेजे जाने वाले आवेदन पत्र के साथ नियंत्रण अधिकारी द्वारा इस आशय की घोषणा करते हुए की अवकाश स्वीकृति से कार्यालय या विद्यालय कार्यों के सुचारु संपादन एवं विभागीय या राज्य के लक्ष्यों की पूर्ति में इससे किसी भी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं होगा अग्रेशन अधिकारी को स्पष्ट अभियंता के साथ अग्रेषित किया जाए
इस प्रकार के आवेदन के साथ निम्न दस्तावेजों को संलग्न किया जाना आवश्यक माना गया है –
· राशन कार्ड की प्रति ।
· दो जीवित संतानों के जन्म प्रमाण पत्रों की प्रति ।
· संतान के दिव्यांग प्रमाण पत्र की प्रति ।
· संतान की बीमारी से संबंधित दस्तावेज ।
· संतान की परीक्षा तिथि प्रवेश संबंधी आवश्यक प्रमाण पत्रों की प्रति।
उपयुक्त निर्देश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी के लिए सहायक है किंतु कार्यालय या विद्यालय की व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व कार्यालय अध्यक्ष का ही होगा तथा आवेदित अवकाश स्वीकृति योग्य होने का आंकलन भी कार्यालय अध्यक्ष को ही करना होगा
1. राजस्थान सेवा नियम 1951 में नया नियम 103 C चाइल्ड केयर लीव जोड़ा गया है |
2. किसी भी महिला कर्मचारी द्वारा सम्पूर्ण सेवा काल में प्रथम दो जीवित 18 वर्षीय संतान के लालन-पालन व पोषण, अध्ययन, स्वास्थ्य लाभ के लिए 730 दिन की CCL का प्रावधान है। |
3. यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू है |
4. चाइल्ड का तात्पर्य उसकी 18 वर्ष से कम उम्र हो या 40% या उससे अधिक विकलांग की स्थिति में 22 वर्ष तक चाइल्ड माना जाएगा|
5. 120 दिन तक की CCL कार्यालय अध्यक्ष एवं 300 दिन तक कि विभागाध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है।
6. यह एक सवैतनिक अवकाश होगा और अवकाश से पूर्व जो वेतन है वही वेतन मिलता रहेगा |
7. CCL को ML, PL, HPL, WPL के साथ भी ली जा सकती है। लेकिन आकस्मिक एवं क्षतिपूर्ति अवकाश के साथ नहीं ।
8. इस अवकाश के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अनुमोदित प्रारूप में ही आवेदन करना होगा |
9. चाइल्ड केयर लीव अधिकार नहीं है और इसे बिना पूर्व स्वीकृति के नहीं लिया जा सकता है |
10. अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले कार्मिकों को यह अवकाश नहीं होगा |
11. विपरीत परिस्थिति में अन्य अवकाश की उपलब्धता की स्थिति में उन अवकाशों को चाइल्ड केयर लीव में परिवर्तित किया जा सकेगा |
12. इस अवकाश को अन्य अवकाश लेखों में से नहीं घटाया जा सकेगा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित फॉर्म में अवकाशों को संधारित किया जाएगा तथा यह फॉर्म सेवा पुस्तिका में संलग्न रहेगा |
13. राज्य सरकार या विभाग के कार्य प्रभावित न हो ऐसी स्थिति में अवकाश स्वीकृत किए जा सकते हैं |
14. CCL हेतु विधवा एवं परित्यक्ता कार्मिक को प्राथमिकता दी जा सकेगी।
15. विदेश में पढ़ रहे संतान हेतु CCL का 80% लीव विदेश में बितानी होगी तथा ex-india के नियमों का पालन करना होगा।
16. एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 3 बारी अवकाश लिया जा सकेगा किंतु अवकाश के दौरान 2 कैलेंडर वर्ष मिलने पर इसे नहीं लिया जा सकेगा यदि ऐसी स्थिति बनती है तो जिस कैलेंडर वर्ष में अवकाश शुरू हुआ है उसमें इसे गिना जाएगा |
17. यदि किसी स्पेल की CCL अगले कैलेंडर वर्ष में हो तो उस स्पेल को पूर्व के कैलेंडर वर्ष में माना जायेगा।
18. प्रोबेशनर्स को यह अवकाश देय नहीं होगा फिर भी कोई विशेष परिस्थितियों यह अवकाश लेता है तो उसका प्रोबेशन काल अवकाश के बराबर आगे बढ़ाया जाएगा |
19. उपार्जित अवकाश की भांति ट्रीट होगा तथा उसी प्रकार स्वीकृत किया जा सकेगा लेकिन इसमें नगदीकरण का कोई प्रावधान नहीं है|
20. इस अवकाश में के क्रम में रविवार, सार्वजनिक अवकाश आने पर वे अवकाश भी CCL के साथ ही गिने जाएंगे |
21. दिव्यांग चाइल्ड के लिए अवकाश लेने पर सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही स्वीकृत किया जा सकेगा |
22. चाइल्ड के बीमार होने पर वह बाहर रहने की स्थिति में डॉक्टर के प्रमाण के आधार पर रोका लिया जा सकेगा |
23. चाइल्ड की परीक्षा होने पर भी अवकाश लिया जा सकेगा यदि चाइल्ड हॉस्टल में रहता है तो महिला कार्मिक को यह तथ्य प्रस्तुत करना होगा कि हॉस्टल में आपकी गैर की जरूरत कैसे है उसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा |
1. चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत करने के औचित्य / कारण / आधार – महिला कार्मिकों को “चाइल्ड केयर लीव” स्वीकृत करने के संबंध में नियम 103 C में निम्न अनुसार प्रावधान है –
“A female government servant may be granted child care leave by an authority to grant leave for a maximum period of two years 730 days during her entire service for taking care of her two eldest surviving children whether for rearing or for looking after any of their needs such as examination and sickness etc.”
उपरोक्त प्रावधान के अनुसार महिला कर्मचारी के द्वारा अपने सबसे बड़े 2 बच्चों या उनमें से किसी बच्चे का पालन या परीक्षा या बीमारी आदि के समय उनकी देखभाल करने के लिए चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत किए जाने का आवेदन करने पर अवकाश स्वीकृत करने का निर्णय अवकाश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी द्वारा लिया जाएगा ।
2. चाइल्ड केयर लीव को उपार्जित अवकाश के अनुसार मानते हुए स्वीकृत किए जाने के संबंध में नियम 103 C (2) (xi) में निम्नानुसार प्रावधान है-
(xi) The live is to be treated like the privilege leave and sanctioned as such.
राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 91 (3) के अनुसार एक राज्य कर्मचारी को एक समय में अधिकतम 120 दिन का उपार्जित अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है किंतु किसी मान्यता प्राप्त सैनिटोरियम अस्पताल में टी बी, कैंसर रोग अथवा मानसिक रोग के निदान की चिकित्सा के लिए आवश्यकता हो तो एक समय में 300 दिवस तक का उपार्जित अवकाश देय होने पर स्वीकृत किया जा सकता है अतः महिला कर्मी को अपने बच्चे के पालन या परीक्षा एवं बीमारी के समय देखभाल हेतु एक समय में अधिकतम 120 दिन का अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा |
बच्चे की किसी मान्यता प्राप्त सैनिटोरियम अस्पताल में टी बी कैंसर रोग कोड अथवा मानसिक रोग के निदान के चिकित्सा के लिए आवश्यकता हो तो एक समय में 300 दिन तक का चाइल्ड केयर लीव होने पर किया जा सकता है |
3. चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकारी – महिला कर्मचारी को अवकाश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी द्वारा ही चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है।
राजस्थान सेवा नियम 1951 वॉल्यूम (ii) के परिशिष्ट 9 में 120 दिन का अवकाश स्वीकृत करने के लिए कार्यालय अध्यक्ष सक्षम है अतः महिला कर्मचारी को 120 दिन तक का अवकाश चाइल्ड केयर लीव संबंधी कार्यालय द्वारा स्वीकृत किया जाएगा। यदि नियम 103 C (2) के अंतर्गत चाइल्ड केयर लीव के साथ महिला कर्मचारी द्वारा अन्य अवकाश स्वीकृत करने हेतु आवेदन किया जाता है तो अवकाश अवधि 120 दिवस से अधिक होने के कारण ऐसा अवकाश विभागाध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किया जाने का निर्णय लिया जाएगा ।
4. अवकाश स्वीकृति कर्ता प्राधिकारी द्वारा एक कार्यालय या एक इकाई में पद स्थापित महिला कर्मचारी में से किसी महिला कर्मचारी को चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत करने का निर्णय लेने हेतु यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अवकाश स्वीकृति करने से कार्यालय व्यवस्था सेवा में बाधा उत्पन्न नहीं होगी एवं कार्यालय कार्य सेवाओं का सुचारु संचालन संभव होगा एक समय में एक कार्यालय में कार्यरत कुल कार्मिकों की संख्या के 20% से अधिक कार्मिकों को चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं किया जाएगा ।
एक समय अवधि के लिए एक से अधिक महिला कर्मी को चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत करने हेतु प्राथमिकता का निर्धारण किया जा सकता है।
1. एक बच्चे को गंभीर बीमारी के समय देखभाल या विकलांगता के कारण बच्चे का पालन
2. बच्चे की सेकेंडरी अथवा सीनियर सेकेंडरी परीक्षा के समय देखभाल
3. बच्चे की सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी परीक्षा के अतिरिक्त शिक्षण कार्य के समय देखभाल
4. 3 वर्ष तक की आयु के बच्चे का पालन पोषण
5. उपरोक्त निर्देशों के होते हुए भी प्रशासनिक विभाग द्वारा विभाग की संरचना एवं कार्यों के दृष्टिगत चाइल्ड केयर लीव की एक समय में एवं 1 वर्ष में देयता की अधिकतम समयावधि निर्धारित की जा सकती है
NOTE :- जहाँ तक संभव है संकलनकर्ता ने इन नियमों को लिखने व संकलन करने में पूर्ण सावधानी रखी हैं फिर भी त्रुटि संभव हो सकती हैं अंत: अधिक जानकारी के लिए विभागीय नियमावली व सर्कुलर का अध्ययन करें और उन्हें ही प्रभावी माने | शाला वेब किसी भी त्रुटि हेतु जिम्मेदार नहीं हैं |